ऑस्ट्रेलिया का यशस्वी जयसवाल को आउट करने का नायब प्लान!




पर्थ टेस्ट मैच टीम इंडिया को किसने जिताया? आपके ज़ेहन में इस सवाल के दो जवाब उभर के आ सकते हैं। यशस्वी जयसवाल और जसप्रित बुमराह। बुमराह अगर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में पाँच विकेट नहीं लेते तो हमारा 150 का स्कोर काफ़ी नहीं होता। और अगर जयसवाल दूसरी पारी में एक बड़ा स्कोर 161 का ना बनाते, तो शायद ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य छोटा होता। जहां बुमराह से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज हताश हैं और उन्हें कोई भी रास्ता समझ नहीं आ रहा है उन्हें लगता है कि यशस्वी जयसवाल को आगे के टेस्ट मैचों में पकड़ लेंगे। ऑस्ट्रेलिया की सोच ये है कि उन्होंने जयसवाल को पर्थ टेस्ट में ख़राब बोलिंग की। उनका मानना है कि उन्होंने जयसवाल को बाउंसर नहीं फेंके और उस अस्त्र का इस्तेमाल नहीं किया जो वो हमेशा एक नये खिलाड़ी के लिये करते हैं। ऑस्ट्रेलिया की पिचों में इतना उछाल है कि विदेशी नये खिलाड़ी एकदम से उसमें अपने को सम्भाल नहीं पाते हैं। इसके रहते ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज़ बाउंसर का ख़ासा इस्तेमाल करते हैं। पर जयसवाल को ऑस्ट्रेलिया के फ़ास्ट बाउलर्स ने एक भी बाउंसर पर्थ में नहीं फेंका और ये एक ऐसा तुरुप का पत्ता था जो वो इस्तेमाल करना भूल गए। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान का कहना है कि जयसवाल को 30-40 मिनट उछलती हुई गेंदों का सामना करना देना चाहिए था और तब शायद ऑस्ट्रेलिया की इतनी बड़ी मार नहीं पड़ती। यशस्वी जयसवाल सिर्फ़ 22 साल के हैं और अभी तक उनके करियर में हर कोई ये कहता आया है कि ये इस गेंद पर फँस सकता है या उस तरह कि गेंद पर। कोई कहता है कि वो स्पिन काफ़ी हार्ड हैंड से खेलता है जिससे कैच निकल जाते हैं। कोई कहता है कि वो ऑफ-स्टंप को छोड़ती हुई गेंद पर बल्ला अड़ा देते हैं। पर जब भी जयसवाल पर इस तरह के सवाल उठते हैं वो उसका करारा जवाब देते हैं। और ये सब कुछ तब से है जब से वो मुंबई के कोच ज्वाला सिंह की शागिर्दी में थे। ज्वाला सिंह के शागिर्द पृथ्वी शाह भी रहे है जिनके सितारे आजकल गर्दिश में हैं। शाह को कभी आने वाले कल का बादशाह माना जाता था पर आज उनको आईपीएल में ख़रीदने को कोई भी तैयार नहीं है। 2018 में अपने पहले ही टेस्ट मैच में शाह ने एक सैकड़ा वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ़ लगाया था। पर उसके बाद से वो लुप्त ही होते चले गए। ज्वाला सिंह कहते हैं कि उसका कारण ये है कि शाह में सीखने का जज़्बा नहीं था। इसके विपरीत ज्वाला का कहना है कि यशस्वी हर समय अपने खेल को सुधारने की कोशिश करते रहते हैं। यही कारण है कि जहां पृथ्वी शाह को आईपीएल में किसी भी टीम ने इस साल नहीं ख़रीदा है, वहीं यशस्वी जयसवाल की क़ीमत 18 करोड़ रुपये लगी है। तो अगर ऑस्ट्रेलिया का ये मानना है कि जयसवाल को वो आगे के टेस्ट मैचों में बाउंसर पर आउट कर लेंगे, तो उनका ये भ्रम भी जल्दी ही टूट जाएगा। जयसवाल उस मिट्टी के नहीं बने हैं जो ज़रा से धक्के से बिखर जाएँगे। ये सॉलिड सीमेंट है जिसमें जो भी प्रहार करोगे, ख़ाली जाएगा।