IPL2024:जसप्रित बुमराह को कैसे रोकें?सूर्य प्रताप यादव की भी लगता है डर!




क्रिकेट विश्लेषकों और तेज़ कैमरों के युग में, दुनिया में किसी के पास भी जसप्रित बुमराह(jaspreet Bumrah)का जवाब नहीं है।क्या है बुमराह का राज? फिर उनके अपने ही टीम के साथी सूर्यकुमार यादव(Surya Kumar Yadav)हैं जो बुमराह की नज़र बर्दाश्त नहीं कर सकते।
किस किस से पूछोगे? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब सात मुल्कों के बैट्समैन(batsman) ढूंढ रहे हैं। बेज्जत होते हैं जैसे ओलिपोप(Ollie Pope हुए लिएम लिविंगस्टन(Liam Livingstone)हुए, पृथ्वी शाह होवे और ना जाने कौन कौन हुआ पर जसप्रीत बुमराह नाम की आंधी से कैसे निपटा जाए इसको सॉल्व करने वाली कुंजी आज तक बनी ही नहीं है। कभी मन करता है कि देखें हमारे इंडियन बैट्समैन बुमराह को कैसे फेस करते हैं। इंतजार था कि कोहली किस तरह से बुमराह से गुरुवार को निपटेंगे। बुमराह का पहला ओवर कोहली विकेट छोड़कर उनकी गेंद पर बल्ला घूमाने का प्रयास करने लगे। तीसरी ऐसे प्रयास में वो गेंद को विकेट कीपर के पास एज कर बैठे। रोहित शर्मा भाग्यशाली हैं जो उसी टीम से खेलते हैं यानी मुंबई इंडियन्स से, जिसके लिए जसप्रीत बुमराह खेलते हैं।
 
आप सूर्य कुमार यादव के तो फैन  हैं ही ना? इस वीडियो क्लिप को ना जाने आपने कितनी बार देखा होगा पर सूर्य कुमार यादव बुमराह से इतना घबराते हैं कि उन्होंने मुंबई क्रिकेट असोसिएशन से औपचारिक रूप से निवेदन किया है कि बुमराह उन्हें नेट्स में गेंदबाजी ना करें। सूर्य कुमार यादव कहते हैं कि बुमराह की योर्कर से उनके पैर के अंगूठे यानी टोव को खतरा है।  ये भी लगता है कि बुमराह बल्ले बहुत तोड़ते हैं। अब सूर्य कुमार यादव हाल में अपनी चोट से उभरे हैं। अगर फिर चोटिल हो गए तो मुंबई इंडियन्स तो गई ही  पानी में सूर्या की वर्ल्ड कप टी 20 में भाग लेने की उम्मीद भी दम तोड़ देगी। आज के युग में जब बोलर्स की हर तरीके पर कैमरे लगे होते हैं, क्रिकेट एनालिस्ट एक एक बारीकियों का विश्लेषण करते हैं।
 
ऐसे में बुमराह को समझ पाना इतना मुश्किल क्यों है? रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के कप्तान फफ दुपलेसिस(Faf Duplesis)  कहते हैं कि बुमराह की तेज और स्लो डेलिवरी में उनका अक्शॅन बिल्कुल भी फर्क नहीं होता। बिल्कुल भी बैट्समैन पकड़ नहीं पाते हैं। बाउंसर तेज भी हो सकता है। स्लो भी गेन सीधी भी जा सकती है और कभी ऐसे कांटा पलटती है कि समझो शुरू हुई लखनऊ से और पहुँच गई लुधियाना। स्लो विकेट है? कोई बात नहीं बुमराह के पास ऑफ कटर्स या लेग कटर्स भी है। बुमराह का खुद का कहना है की वो अपने तरकश में एक नहीं 20 बाण रखते हैं। एक फैल हुआ तो दूसरा तैयार। फिर वो बहुत जल्दी भांप लेते हैं कि किस विकेट पर कैसी बोलिंग करनी है बैट्समैन कामाइन्ड  रीड करने में। डिटेक्टर टेस्ट से भी तेज हैं। बुमराह कहते हैं कि मुझे मालूम है कि बैट्समैन पूरी तैयारी के साथ आता है और मेरा काम होता है कि फिर भी उसे सरप्राइज़ करूँ। शब्दों उसे अचंभे  में डाल 212 या तीन सवालों का तो जवाब वो दे देगा पर 20 सवालों का जवाब कैसे देगा? किस्मत का खेल है कि बुमराह आज इंडिया के लिए खेल रहे हैं। उन्होंने हाल फिलहाल में बताया है कि वो इंडिया छोड़ के जाने वाले थे।
 
उन्हें उम्मीद थी कि इंडिया(India) में वो बहुत ज्यादा खेल नहीं पाएंगे। हर कोई कहता था कि तुम्हारा अक्शॅन ऐसा है, वैसा है तुम आज नहीं तो कल चोटिल हो ही जाओगे। बुमराह का प्लान था कि वो कनाडा चले जाएंगे। वहाँ उनके चाचा रहते हैं। बुमराह कहते हैं कि वो सोचते थे कि वहाँ नौकरी कर लूँगा और अगर किस्मत अच्छी हुई तो कनाडा की नेशनल टीम के लिए भी खेल जाऊंगा। सोचिए तो ज़रा अगर ऐसा होता इंडिया का तो नुकसान होता लेकिन विश्व के बैट्समैन चैन की सांस लेते, एक बार और भी समझ में आती है। बुमराह जैसे कितने हीरे होंगे, जिनका समय में साथ नहीं दिया होगा। वो हीरे जो गर्दिशों में चले गए, जिनके पूछने वाला कोई नहीं रहा यानी आपके पास टैलेंट तो हो ही, किस्मत भी हो, लेकिन अगर आप बुमराह से ये बात कहेंगे तो अपना सर झटक देंगे।
 
"खुदी  को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा खुद बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है"। बुमराह 30 साल के हो चले हैं। शायद तीन या 4 साल ही हैं उनके पास इस तूफानी गति से गेंदबाजी करने के लिए। पर जब तक ये कोहिनूर हमारे पास है बाहर के बैट्समैन डरते रहेंगे। और फ़िल्म स्टार अक्षय कुमार की तरह हम भी कहते रहेंगे डरें ? अच्छा लगा।